September 9, 2024
भांग

भांग के द्रव्यगुण जानकारी ।। Pharmacological use of Cannabis sativa

भांग

भांग ,गाँजा के द्रव्यगुण जानकारी

वनस्पतिक नाम:-Cannabis sativa (  कैनेबिस सैटाइवा)

कुल:-Cannabinaceae (कैनेबिनेसी)

सामान्य नाम:-

संस्कृत:- भग्डा,गञ्जा,मातुलानी,मालिनी,विजया

हिंदी:- भंग,बूटी ,BHANG

अंग्रेजी:- Indian hemp (इंडियन हेम्प)  Marijuana

स्वरूप :-इसका 1  से 3 मी. ऊँचा, सीधा, रालीय,रोमश गन्धयुक्त, वर्षायु,एकलिंगी शाकीय क्षुप होता है। इसकी शाखाएँ पतली, कोमल तथा हरे रंग की होती हैं। इसके पत्र सरल, एकांतर, नीम के पत्र जैसे कंगूरेहार होते हैं। 

जानकारी:-

1- भांग के नर पौधों के पत्रों को सुखाकर भांग ।
2- मादा पौधों की रालीय पुष्प मंजरियों को सुखाकर गांजा तैयार होता है। 
3- इनके शाखाओं और पत्रों पर जमे राल सदृश पदार्थ को चरस कहते हैं। ये मुख्यतः उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार में प्रचुरता से पाए जाते हैं। 

औषधीय विवरण :-

गुण:-लघु, तीक्ष्ण 

रस:-तिक्त

वीर्य :-उष्ण 

विपाक:-कटु 

प्रभाव:-वातकफ संतुलन 

प्रयोज्य अंग:-शुष्क पत्र, पुष्पित प्ररोह, रालीय पदार्थ 

मात्रा :-

भांग पावडर- 125-250 mg 

गांजा पावडर- 60-125 mg           

चरस- 30 mg

भाङ्ग-भज्यतेनया कफादि,भञ्जो आमर्दने !

उपयोग :-

 1- मस्तक पीड़ा – इनके पत्रों को महीन पीसकर सूंघने से मस्तक पीड़ा नष्ट हो जाती हैं। 

2- पाचन शक्ति मजबूत करता है।

 3- निद्राकारक होता है।

 4- दर्द निवारक के बहुत ही गुणकारी औषधीय है। 

5- इसके बीज के तेल का मालिश करने से गठिया में लाभ होता है।

 6- इसके पत्तों के चूर्ण को घाव और जख्म पर डालने से शीघ्र वग्र का रोपन होताहै। 

विषेला प्रभाव:- अधिक मात्रा मे लेने से आँख लाल हो जाती है ।

हानि:- इसका अधिक मात्रा से सेवन से शरीर को दुर्बल, पुरुष को नपुंसक, चरित्रहीन, विचारहीन बनाता है। अतः इसका प्रयोग काम उत्तेजना के लिए या नशे के लिए नहीं करना चाहिए।

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