September 9, 2024

तेजपत्ता के द्रव्यगुण जानकारी ।। Pharmacological use of Cinnamomum Tamala

तेजपत्ता के द्रव्यगुण जानकारी

वनस्पतिक नाम:-Cinnamomum Tamala (सिनामोमुम तामालो)

कुल:-Lauraceae(लोअरासिएई)

सामान्य नाम:-

हिन्दी-तमालपत्र, पत्रज,तेजपत्ता, तेजपत्र,गुरन्द्रा

बंगाल-तेजपत्र

अंग्रेजी- इण्डियन कैसिआ (Indian cassia), कैसिआ सिनेमॅन (Cassia cinnamon), तमाला कैसिआ (Tamala cassia);

स्वरूप :-

ये छोटा वृक्ष हैं जिसकी ऊँचाई लगभग 20-30 फीट होती है। इसकी छाल नाजुक होती है, भूरे रंग के होते हैं, खुशबूदार होती है। इसके पत्ते मोटे 4 से 7 इंच लम्बा होती है। इसमें फूल जनवरी में आते हैं। फल मई – अगस्त में आते हैं। कोपल पत्ते गुलाबी रंग के होते हैं। तेजपत्ता तीन प्रकार के होते हैं:- (1) भारतीय (2) चाइनीज (3) श्रीलंका 

औषधीय विवरण :-

गुण:-लघु, रूक्ष, तीक्क्षण (भारी)

रस:-कटु, तिक्त, मधुर 

वीर्य :- उष्ण 

विपाक:-कटु 

प्रभाव:-कफवातशामक, पित्तवर्धक 

प्रयोज्य अंग:-त्वक, पत्ते,तेल

मात्रा :- त्वक- 1 से 3 ग्राम,  पत्ते- 1 से 3 ग्राम 

उपयोग :-

(1) सुखे पत्ते को मसाले के तौर पर उपयोग में लिया जाता है। 

(2) इसके छाल को दंतमंजन के रूप में ले सकते हैं, इससे मुँह की दुर्गन्ध, दांतों से संबंधित समस्या, मसूड़ों में सूजन दूर होता है।

 (3) इसके छाल के पावडर को मधु के साथ ले तो खांसी, अस्थमा में लाभकारी है। (3 से 5 ग्राम)

(4)इसके छाल के पेस्ट अथवा तेल को सूजन के स्थान पर लगाने से राहत मिलता है।

 (5) नाक के बहना :- दालचीनी पावडर, तेजपत्ता, कालीमिर्च, इलायची ।

(6) रात को सोने से पहले तेजपत्ते का इस्तेमाल नींद के लिए फायदेमंद है। इसके तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर पीने से अच्छी नींद आती है। 

(7) कब्ज, एसटीडी में तेजपत्ता खाएँ।

(8) क्वाथ अथवा चूर्ण प्रसव के बाद देने बहुत फायदेमंद होता है। 

नुकसान:- मुँह में छाले, पेट में अत्यधिक अम्ल बढ़ जाते हैं।

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